इंडिया टुडे की यह विशेष रिपोर्ट पटना में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के हाई-प्रोफाइल रोड शो पर केंद्रित है, जो एनडीए के लिए 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों के लिए एक प्रमुख अभियान है। यह कार्यक्रम, जो दिनकर गोलंबर से शुरू हुआ और इसमें जदयू नेता ललन सिंह और पटना साहिब के सांसद रविशंकर प्रसाद भी शामिल थे, का विश्लेषण राजनीतिक विशेषज्ञ रजत सेटी और सज्जन कुमार ने किया है। ‘क्या आपने कभी किसी मानवीय रंग, किसी भी राजनीतिक विचारधारा के राजनीतिक नेता को देखा है, जब लोग आरती की थालियाँ निकालते हैं और अपनी बालकनियों से किसी नेता की आरती करने की कोशिश करते हैं?’ राजनीतिक विश्लेषक रजत सेटी पूछते हैं। यह रिपोर्ट 6 नवंबर को पहले चरण के मतदान से कुछ दिन पहले शहर में प्रधानमंत्री के काफिले के गुजरने के उत्साहपूर्ण माहौल को दर्शाती है। यह 2020 के चुनावों के साथ वर्तमान राजनीतिक माहौल की तुलना करते हुए और चुनावी नतीजों पर ‘ब्रांड मोदी’ के विलक्षण प्रभाव को उजागर करते हुए, अपने मुख्य समर्थकों को सक्रिय करने और शालीनता को रोकने के लिए भाजपा की रणनीति की पड़ताल करती है।
