इस विशेष रिपोर्ट में कृत्रिम बारिश कराने और शहर के गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आईआईटी कानपुर के सहयोग से शुरू की गई दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी क्लाउड सीडिंग परियोजना पर ध्यान केंद्रित किया गया है। रिपोर्टर मिलन शर्मा कहते हैं, ‘यह विज्ञान की खूबसूरती है क्योंकि विज्ञान इसी तरह काम करता है। आप हर तरह के प्रयोग करते हैं और फिर देखते हैं कि प्रयोग कैसे सामने आता है।’ रिपोर्ट में दिल्ली में एक विशिष्ट गलियारे पर एक विमान से निकलने वाली सिल्वर आयोडाइड और नमक-आधारित यौगिकों की ज्वालाओं से जुड़ी वैज्ञानिक प्रक्रिया का विवरण दिया गया है। शहर स्मॉग और धुंध की मोटी परत में डूबा हुआ है, अधिकारी और नागरिक उत्सुकता से यह देखने के लिए इंतजार कर रहे हैं कि क्या यह उच्च-दांव वाला जुआ बहुत जरूरी बारिश लाएगा और जहरीली हवा से राहत देगा, या क्या अनुकूल मौसम की स्थिति की कमी के कारण प्रयोग बेनतीजा रहेगा।
