ईसीआई के अखिल भारतीय मतदाता संशोधन विवाद पर विवाद; टीएमसी ने बंगाल में 'खूनी स्नान' की चेतावनी दी


भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की है, जिससे विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हलचल पैदा हो गई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी की धमकियों पर प्रकाश डाला, जिसमें एक टीएमसी नेता की चेतावनी का हवाला दिया गया कि ‘अगर मतदाताओं का नाम हटाया गया तो पश्चिम बंगाल में खून-खराबा होगा।’ ईसीआई अधिकारी ने प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए कहा कि संशोधन में मतदाताओं को सत्यापित करने के लिए संदर्भ के रूप में 2002-2004 की मतदाता सूची का उपयोग किया जाएगा और इस चरण में असम को बाहर रखा गया है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के रुख को दोहराया कि आधार कार्ड पहचान का प्रमाण है, लेकिन नागरिकता, अधिवास या जन्म तिथि का नहीं। दो दशकों से अधिक समय में अपनी तरह की पहली इस व्यापक कवायद का उद्देश्य डुप्लिकेट प्रविष्टियों और उन लोगों के नामों को हटाना है जो माइग्रेट हो गए हैं या मर गए हैं, साथ ही विदेशियों के किसी भी गलत समावेश की जांच भी करना है।



Source link