ट्रम्प का तेल युद्ध: रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत प्रभावित, कांग्रेस ने कहा 'आत्मसमर्पण'


इंडिया फर्स्ट पर गौरव सावंत द्वारा प्रस्तुत यह विशेष रिपोर्ट, रूसी तेल दिग्गजों रोसनेफ्ट और लुकोइल को लक्षित करने वाले नए अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रति भारत की जटिल प्रतिक्रिया की जांच करती है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बर्लिन में बोलते हुए सार्वजनिक रूप से पश्चिमी देशों पर पाखंड का आरोप लगाते हुए भारत पर दबाव डालते हुए मंजूरी में छूट के अनुरोध पर सवाल उठाया। यह कार्यक्रम भारत के लिए महत्वपूर्ण राजनयिक और आर्थिक नतीजों पर प्रकाश डालता है, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अपने रूसी तेल आयात को पुन: व्यवस्थित कर रही हैं। बुलेटिन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आक्रामक रुख के बीच नरेंद्र मोदी सरकार की रणनीति की भी जांच की गई है, जिसमें घरेलू ईंधन की कीमतों में संभावित तेज वृद्धि पर चिंताओं को उजागर किया गया है। कांग्रेस पार्टी के सलमान सोज़ समेत विपक्षी हस्तियों ने सरकार के तरीके की आलोचना की है और इसे अमेरिकी दबाव के सामने ‘नरम आत्मसमर्पण’ बताया है। रिपोर्ट में प्रधान मंत्री मोदी के आसियान शिखर सम्मेलन में वस्तुतः भाग लेने के फैसले को भी शामिल किया गया है, जिसे विशेषज्ञों द्वारा तनावपूर्ण व्यापार वार्ता और रूसी तेल आयात में गिरावट के बीच संभावित रणनीतिक धुरी या राजनयिक वापसी के रूप में विश्लेषण किया गया है।



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