इस विशेष रिपोर्ट में बिहार चुनाव में महागठबंधन द्वारा मुकेश सहनी को उप मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा के बाद हुए राजनीतिक विवाद का विवरण दिया गया है। इस फैसले पर कथित तौर पर राज्य की महत्वपूर्ण मुस्लिम आबादी को दरकिनार करने के लिए एआईएमआईएम के वारिस पठान और एनडीए के चिराग पासवान ने तीखे हमले किए हैं। पठान ने गठबंधन के सामाजिक न्याय फॉर्मूले पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘दो प्रतिशत वाला सहनी मुख्यमंत्री (उपमुख्यमंत्री) बन सकता है, लेकिन उन्नीस प्रतिशत वाले मुस्लिम का कोई ठिकाना नहीं है।’ एआईएमआईएम और चिराग पासवान दोनों ने ग्रैंड अलायंस पर पाखंड का आरोप लगाया है, सवाल उठाया है कि आबादी का लगभग 2% हिस्सा रखने वाले निषाद समुदाय को शीर्ष पद क्यों दिया गया, जबकि मुस्लिम समुदाय, जो लगभग 19% है, को नजरअंदाज कर दिया गया। इस घटनाक्रम ने बिहार की चुनावी राजनीति में जातिगत समीकरणों और प्रतिनिधित्व पर तीखी बहस छेड़ दी है।
