EC की मतदाता सूची 'शुद्धिकरण' अभियान से छिड़ा राजनीतिक युद्ध; विपक्ष बेईमानी से चिल्लाता है


यह विशेष रिपोर्ट देश भर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) आयोजित करने के चुनाव आयोग के फैसले को कवर करती है, एक ऐसा कदम जिसकी विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की है। अनुमानतः विपक्ष कह रहा है कि ‘चुनाव आयोग घटिया वोट देकर सरकार को सक्षम बना रहा है।’ मतदाता सूचियों को शुद्ध करने के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर अभ्यास, अपने पहले चरण में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किया जाएगा, जिसमें केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे चुनावी राज्य शामिल हैं, जिसमें 51 करोड़ से अधिक मतदाता शामिल होंगे। रिपोर्ट में घर-घर जाकर गणना करने और अंतिम नामावलियों के प्रकाशन के कार्यक्रम का विवरण दिया गया है। इसमें चुनाव आयोग के स्पष्टीकरण पर भी प्रकाश डाला गया है कि आधार का उपयोग पहचान के प्रमाण के रूप में किया जा सकता है लेकिन नागरिकता के प्रमाण के रूप में नहीं, और नोट किया गया है कि असम को चल रही एनआरसी प्रक्रिया के कारण इस चरण से बाहर रखा गया है।



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