यह विशेष रिपोर्ट डोनाल्ड ट्रम्प के उस दावे के बाद हुए कूटनीतिक घटनाक्रम को कवर करती है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर देगा। भारत ने इस दावे को दृढ़ता से खारिज कर दिया है, भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव के साथ उसके प्रमुख व्यापारिक साझेदार रूस ने मजबूत ऊर्जा साझेदारी पर प्रकाश डाला है। रूसी राजदूत ने कहा, ‘जब तक मांग है, आपूर्ति है…रूस को भारतीय ऊर्जा सुरक्षा में सबसे बड़ा योगदानकर्ता बनाता है।’ चर्चा में भारत की ऊर्जा सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता, प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के आधार पर अपने तेल स्रोतों के विविधीकरण और रूस के साथ अपने संबंधों के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया गया है। यह आर्थिक साझेदारी को सुरक्षित करने और बढ़ाने के लिए विकसित किए जा रहे वैकल्पिक व्यापार तंत्र, जैसे अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) और व्लादिवोस्तोक-चेन्नई कॉरिडोर को भी छूता है।
