
कोरोना कहर के चलते एक तरफ आम आदमी से लेकर सरकारें तक परेशान हैं तो दूसरी तरफ अवैध कारोबारी और समाज के मौका परस्त अपराधिक तत्व इस मौके का भी अनुचित लाभ उठा रहे हैं. ये लोग बीड़ी, सिगरेट से लेकर शराब जैसी नशे की उन सभी वस्तुओं की कालाबाजारी कर रहे हैं, जिनकी बिक्री पर रोक लगी हुई है.
जानकारी के मुताबिक ये लोग सर्वाधिक लाभ शराब और गुटखा पर ले रहे हैं, शराब दोगुना – तीनगुना कीमत पर तो गुटखा दसगुना कीमत पर बेच रहे हैं, वह भी नकली और मिलावटी. यही नहीं शराब की कमी के चलते ये लोग नशीली दवाऐं बेच रहे हैं. कुछ सौदागर तो पत्रकारिता की आड़ लेकर ऐसा घिनौना कृत्य कर रहे हैं.
ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला मध्यप्रदेश में बुंदेलखंड अंचल केे छतरपुुर में पकड़ में आया है. सोमवार को जिले के नौगांव में पुलिस ने पत्रकारिता की आड़ में नशीली दवाओं के 3 सौदागर गिरफ्तार किए हैं. यह कार्रवाई आईजी अनिल शर्मा और एसपी कुमार सौरभ के निर्देश पर हुई.
बताया गया है कि, मुखबिर की सूचना पर नौगाव थाना के पिपरी रिपटा पर यूपी से आरही एक गाड़ी की तलाशी ली गई जिसमे वेगो में भरकर लाई जा रही नशीली दवाएं बरामद हुई. कार में सवार युवकों ने खुद को पत्रकार बताते हुए पुलिस को धौंस देने की कोशिश की. किंतु तलाशी में बरामदगी के चलते कार सवार आरोपी राममूर्ति यादव, सुनील कुमार रैकवार और इरफान अजीजुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया गया.
बताया गया है कि, तीनों आरोपी खुद को किसी लाइव इंडिया 24 वाई 7 चैनल के पत्रकार बता रहे थे. आरोपियो से पकड़ी गई मारुति शिफ्ट डिजायर कार का नम्बर MP 16 CB 2618 है.
आरोपियों से Corex नामक खांसी की दवा की करीब तीनसौ बोतलें मिली हैं, जिसका उपयोग कुछ लोग शराब की अनुपलब्धता के चलते नशे के लिए करते हैं.
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