
राजेन्द्र कुमार मिगलानी के पुत्र गौतम मिगलानी (37) के असामयिक निधन से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ शोकाकुल हैं. रविवार के अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर वह दिल्ली पहुंचे और गौतम के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. गौतम का शनिवार सायं अचानक हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया था.

मालूम हो कि, राजेन्द्र कुमार मिगलानी पिछले चार दशक से कमलनाथ से जुड़े हुए हैं, वर्तमान में वह मप्र के सीएम के प्रमुख सलाहकार का दायित्व संभाल रहे हैं. इसी बीच गौतम और मिगलानी के दूसरे पुत्र का जन्म हुआ. लम्बे और पारिवारिक सम्बंधों के चलते गौतम से श्री नाथ को पुत्रवत स्नेह रहा.
गौतम दिल्ली में निवास करते थे. वह ताज होटल्स ग्रुप में महत्वपूर्ण दायित्व संभाल रहे थे. गत दिवस वह किसी पारिवारिक कार्य से पिता से मिलने भोपाल आए थे. सीने में अचानक तेज दर्द के बाद उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया न जा सका. सीएम कमलनाथ कांग्रेस उपाध्यक्ष मोहम्मद सहित कई मंत्री और नेतागण अस्पताल भी पहुंचे थे.
गौतम के पार्थिव शरीर को विमान सेवा के जरिए रात को ही दिल्ली ले जाया गया. आज उनकी अंतिम यात्रा दिल्ली में ग्रीन पार्क स्थित निवास से दोपहर को निकली.
गौतम का उपचार करने वाले स्मार्ट सिटी अस्पताल (भोपाल) के डायरेक्टर डॉ. अभय त्यागी ने बताया कि गौतम को हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण (सीने में दर्द या घबराहट) नहीं थी, उनके दोनों पैरों में तेज दर्द हो रहा था. उनकी सीटी एंजियों जांच से पता चला कि पैर और पेट से हार्ट की ओर जाने वाली नसों में बहुत ज्यादा ब्लॉकेज थे. इसके चलते हार्ट अटैक हुआ. इस तरह के हार्ट अटैक विरले होते हैं.
जबड़े से नाभि तक हो दर्द तो रहें अलर्ट:
एलएन मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विवेक त्रिपाठी के मुताबिक उनके पास आ रहे हार्ट अटैक के मरीजों में 10 प्रतिशत मरीजों की उम्र 30 से 40 साल रहती है. उनका कहना है कि यदि दर्द जबड़े से नाभि तक (हाथों समेत) 15 मिनट से अधिक होता रहे तो यह हल्के हार्ट अटैक (हृदयाघात रोग) का लक्षण हो सकता है. ऐसे में मरीज को खुद निर्णय नहीं करना चाहिए कि, यह हार्ट अटैक का दर्द है या एसिडिटी का, बल्कि तत्काल डॉक्टर को दिखाएं.
यूं रखें अपने दिल का ख्याल:
यदि दिल को दुरस्त रखना है तो तनाव कम करें. बदलती जीवनशैली और बिगड़ा खानपान भी युवाओं को दिल का रोगी बना रहा है. युवाओं की जीवनशैली बदल चुकी है, जो उन्हें हृदय रोगों की ओर ढकेल रही है. काम का तनाव और खानपान की बिगड़ी हुई आदतें उन्हें इस रोग की चपेट में ले जा रही हैं. इनसे बचाव व इनमें सुधार बहुत जरूरी है.
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