
भीषण गर्मी के इस मौसम में जब कई बार लोगों को पीने के लिए सादा जल मिलना भी कठिन होता है तब शीतल जल मिलना अत्यंत सुकून देता है. लेकिन इस मौसम में शीतल जल मिलना आसान काम नहीं है.
बोतल और पाउच में बंद पानी जहां स्वास्थ के लिए बेहद हानिकारक होता है, वहीं हर आदमी के लिए खरीदकर पीना कठिन भी होता है. तब वह इधर उधर टी स्टॉल या होटल आदि पर मांगता है, कभी मिल जाता है तो कभी नहीं.
जबकि, पानी को जरूरत के समय मिलने पर प्राण रक्षक जैसी संज्ञा भी दी गई है. यही कारण है कि, प्राचीन काल में भारत के गांवों में लोग अंजान यात्री को भी सम्मान और सहृदयता के साथ पानी पिलाते थे. मालूम हो कि उस समय लोग अंजान यात्री को भी यथासंभव खाद्यपदार्थ देकर पानी पिलाते थे ताकि लम्बी यात्रा की थकान या गर्मी के कारण शरीर में उत्पन्न ऊष्मा पानी के सम्पर्क में आते ही कोई रिऐक्शन न कर दे.
इसीलिए कहा गया है कि, पानी पीने से पहले हमेशा कुछ (ज्यादा नहीं) खा लेना चाहिए उसके बाद पानी पीना चाहिए. संभव है आपने सुना होगा कि, तेज गर्मी में पानी पीते ही कोई व्यक्ति गिर पड़ा और बेहोश हो गया या चल बसा. यह ठीक वैसा ही ही जैसे गर्म लाल से हो चुके लोहे को तोड़ने के लिए लोहार उस पर पानी डालता है.
ऐसी ही एक दो घटनाऐं चार साल पहले मध्यप्रदेश के ग्वालियर में रेलवे स्टेशन पर हुई थी. एक थका – प्यासा व्यक्ति पानी मिलते ही तेजी से पीने लगा, ठंडे – गर्म की प्रतिक्रिया हुई और वह पीते पीते ही लुढ़क गया.
अखबारों से यह घटना आम लोगों के अलावा थाटीपुर क्षेत्र में चाय पी रहे एक युवक को भी पता लगी, संयोग से उस टॉ स्टॉल पर भी पीने योग्य ठंडापानी न था. तब उस युवक ने चाय वाले को कुछ रुपए देकर मिट्टी के दो घड़े मंगवाए, पास ही की बोरिंग से उनके भरने की भरने की व्यवस्था करवाई. इस तरह शीतल जल की एक नि:शुल्क प्याऊ शुरु हो गई.
तब से अब तक वह युवक हर साल इसी तरह उस टी स्टॉल पर घड़े रखवाकर शीतल जल की व्यवस्था करता है. अब कुछ लोगों ने सहयोग का मन बनाया तो घड़ों की संख्या बढ़ने लगी है. खास बात यह कि, वह युवक बच्चों और विकलांगों को खुद भी पानी पिलाता है, जैसा चित्र में दिख भी रहा है. लेकिन ऐसा तभी होता है, जब वह इस स्थान के आस पास मौजूद हो.
वहां मौजूद लोगों में एक देवेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि, पानी पिला रहे युवक का नाम अनिल तिवारी है और वह इन दिनों शहर में ही पुलिस की जिला विशेष शाखा (डीएसबी) में सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) के पद पर पदस्थ हैं.
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